Thursday, November 3, 2016

तीसरी बकरी....


GOOD NIGHT THOUGHT:
तीसरी बकरी.....

चिंकू और टिंकू बड़े शरारती बच्चे थे, दोनों 5 वी कक्षा के विद्यार्थी थे और एक साथ ही स्कूल आया-जाया करते थे।

एक दिन जब स्कूल की छुट्टी हो गयी तब चिंकू ने टिंकू से कहा, "दोस्त, मेरे दिमाग में एक आईडिया है?"

"बताओ-बताओ…क्या आईडिया है?" टिंकू ने एक्साईटेड होते हुए पूछा।

चिंकू- "वो देखो, सामने तीन बकरियां चर रही हैं।"

टिंकू- "तो इनसे हमे क्या लेना-देना है?"

चिंकू- "हम आज सबसे अंत में स्कूल से निकलेंगे और जाने से पहले इन बकरियों को पकड़ कर स्कूल में छोड़ देंगे, कल जब स्कूल खुलेगा तब सभी लोग इन्हें खोजने में अपना समय बर्बाद करेगे और हमें पढाई नहीं करनी पड़ेगी"

टिंकू- "पर इतनी बड़ी बकरियां खोजना कोई कठिन काम थोड़े ही है, कुछ ही समय में ये मिल जायेंगी और फिर सब कुछ सामान्य हो जाएगा"

चिंकू- "हाहाहा यही तो बात है, वे बकरियां आसानी से नहीं ढूंढ पायेंगे, बस तुम देखते जाओ मैं क्या करता हूँ!"

इसके बाद दोनों दोस्त छुट्टी के बाद भी पढ़ायी के बहाने अपने क्लास में बैठे रहे और जब सभी लोग चले गए तो ये तीनो बकरियों को पकड़ कर क्लास के अन्दर ले आये।

अन्दर लाकर दोनों दोस्तों ने बकरियों की पीठ पर काले रंग का गोला बना दिया। इसके बाद चिंकू बोला, "अब मैं इन बकरियों पर नंबर डाल देता हूँ।, और उसने सफेद रंग से नंबर लिखने शुरू किये-
पहली बकरी पर नंबर 1
दूसरी पर नंबर 2 और तीसरी पर नंबर 4

"ये क्या? तुमने तीसरी बकरी पे नंबर 4 क्यों डाल दिया?" टिंकू ने आश्चर्य से पूछा।

चिंकू हंसते हुए बोला, "दोस्त यही तो मेरा आईडिया है, अब कल देखना सभी तीसरी नंबर की बकरी ढूँढने में पूरा दिन निकाल देंगे और वो कभी मिलेगी ही नही"

अगले दिन दोनों दोस्त समय से कुछ पहले ही स्कूल पहुँच गए। थोड़ी ही देर में स्कूल के अन्दर बकरियों के होने का शोर मच गया।

कोई चिल्ला रहा था, "चार बकरियां हैं, पहले, दुसरे और चौथे नंबर की बकरियां तो आसानी से मिल गयीं! बस तीसरे नंबर वाली को ढूँढना बाकी है।"

स्कूल का सारा स्टाफ तीसरे नंबर की बकरी ढूढने में लगा गया। एक-एक क्लास में टीचर गए अच्छे से तालाशी ली। कुछ खोजू वीर स्कूल की छतों पर भी बकरी ढूंढते देखे गए, कई सीनियर बच्चों को भी इस काम में लगा दिया गया।

तीसरी बकरी ढूँढने का बहुत प्रयास किया गया पर वह बकरी तब तो मिलती जब वो होती जबकि वह बकरी तो थी ही नहीं!

आज सभी परेशान थे पर चिंकू और टिंकू इतने खुश पहले कभी नहीं हुए थे। आज उन्होंने अपनी चालाकी से एक बकरी को अदृश्य कर दीया था।

दोस्तों, इस कहानी को पढ़कर चेहरे पर हलकी सी मुस्कान आना स्वाभाविक है। पर इस मुस्कान के साथ-साथ हमें इसमें छिपे सन्देश को भी ज़रूर समझना चाहिए। तीसरी बकरी, दरअसल जिंदगी की वो चीजें हैं जिन्हें खोजने के लिए हम बेचैन हैं पर वो हमें कभी मिलती ही नहीं, क्योंकि वे चीज़े वास्तविकता में होती ही नहीं!

हम हमेशा ऐसी जिंदगी चाहते हैं जो श्रेष्ठ हो, जिसमे कोई समस्या ही ना हो.. but it does not exist!

हम एक ऐसा जीवन साथी चाहते हैं जो हमें पूरी तरह समझे जिसके साथ कभी हमारी अनबन ना हो.. but it does not exist!

हम ऐसी ही नोकरी या व्यापर भी चाहते हैं, जिसमे हमेशा सब कुछ एकदम सामान्य चलता रहे.. but it does not exist!

क्या ज़रूरी है कि हम हर वक़्त किसी चीज के लिए परेशान रहा करे ? ये भी तो हो सकता है कि हमारी जिंदगी में जो कुछ भी है वही हमारे लिए जीवन की पहेली को सुलझाने के लिए पर्याप्त हो और ये भी तो हो सकता है कि वही तीसरी चीज जिसकी की हम तलाश कर रहे हैं जो हकीकत में हो ही नहीं और हम पहले से ही निपुर्ण हों ! !

अगर सोचें तो सब सम्भव हे और न सोचें तो कुछ भी सम्भव नहीं ! !
https://telegram.me/dildostidimag

No comments:

Popular Posts